happy vasant panchami 2021 | happy vasant panchami wishes
पंचमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंदिरों के साथ ही स्कूल स्कूल-कॉलेजों
में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है । साथ ही उत्तराखंड में जगह-जगह कलश यात्राएं
भी निकाली जाती है। बसंत ऋतु का आगमन बसंत पंचमी के दिन से होता है। मान्यता है कि
इसी दिन देवी सरस्वती का जन्म भी हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व
हर साल माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।
वहीं, लोक कलाकारों
ने उत्तराखंड की गढ़ संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते है। मायाकुंड
पुराना बदरीनाथ मार्ग से होते हुए डोली यात्रा त्रिवेणी घाट पहुंचती है। यहां भगवान
भरत की डोली को गंगा स्नान कराया जाता है । इसके बाद नगर के मुख्य मार्गों से होती
हुई डोली यात्रा पुन: मंदिर में संपन्न होती है। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह श्रद्धालुओं
ने डोली का पूजन किया जाता है।
हरिद्वार जिले के रुड़की
में भी वसंत पंचमी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। शहर के साकेत स्थित दुर्गा चौक मंदिर
में बसंत पंचमी के मौके पर मां की विशेष आराधना श्रद्धालुओं की ओर से की जाती है। इसके
अलावा नहर किनारे स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, रामनगर के राम मंदिर, सुभाष नगर के संतोषी
माता मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी बसंत पंचमी पर पूजा-अर्चना की जाती है।
इसलिय की जाती है माँ
सरस्वती की पूजा
पुरनी मान्यता है कि
जब सृष्टि की रचना हुई थी उस समय भगवान ब्रह्मा ने जीव-जंतुओं और मनुष्य योनि की रचना
की थी, लेकिन उन्हें एहसास हुआ की कुछ कमी रह गई है। तब ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से
जल छिड़का, उससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट होती है जिनका नाम माँ सरस्वती
रखा गया। जो सुंदर स्त्री प्रकट हुई थी उसकी के एक हाथ में वर मुद्रा वीणा और दूसरा हाथ में वीणा और बाकि दोनों
हाथों में माला और पुस्तक थी।
ब्रह्मा जी ने
देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया, जैसे ही उस स्त्री ने वीणा बजाई,वीणा बजाते समय
संसार के सभी जीव-जंतुओं को वाणी मिल गई थी। हवा सरसराहट कर बहने लगी थी जल धारा कलकल
करने लगी थी। तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।
सरस्वती माँ को, भगवती,
शारदा,बागीश्वरी वीणा वादनी समेत कई नामों से पूजा जाता है। सरस्वती माँ को विद्या,
बुद्धि और संगीत की देवी मना जाता है। ब्रह्मा जी ने देवी सरस्वती की जन्म बसंत पंचमी
के दिन हुआ था। इसलिए हर वर्ष वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्म दिन की रूप में
मनाया जाता है।
Happy vasant panchami wishes
इस साल का यह बसंत,
आपको खुशियां दें अनंत,
प्रेम और उत्साह से
भर दे आपके जीवन के रंग
मां सरस्वती का आशीर्वाद
रहे आपके संग
बसंत पंचमी की हार्दिक
बधाई
मां सरस्वती के सुर और विद्या रहे आपकी साथ
कैसे प्रसन्न करें
मां सरस्वती को ?
- आप सबसे पहले विद्या
की देवी सरस्वती माँ की पूजा की करें, उसके बाद उन्हें फूल अर्पित करें।
- आप बसंत पंचमी के
दिन किताबों और वाद्य यंत्रों की पूजा भी करें
- मान्यता है की इस
दिन छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर ज्ञान कराया जाता है,आपकी घर में भी कोई छोटा बच्चा
हो तो उसे आज से विद्या ज्ञान दें।
- बसंत पंचमी
के दिन आप बच्चों को किताबें भेंट कर सकते है बहुत शुभ माना जाता है।
- आप आज के दिन पीले
रंग के कपड़े पहन सकते है उस से माँ सरस्वती बहुत प्रसन्न होती है और शुभ भी माना जाता
है।
- बसंत पंचमी
के दिन खाने में आप पीले चावल या पीले रंग का भोजन ग्रहण कर सकते है।
Aarti
saraswati mata ki: ॐ जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती
माता, जय जय
सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव
शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय….. चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति
मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस
सवारी, अतुल तेजधारी
॥ जय…..
बाएं कर में
वीणा, दाएं कर
में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें,
गल मोतियन माला
॥ जय…..
देवी शरण जो
आएं, उनका उद्धार
किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण
संहार किया ॥
जय…..
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान
प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का
जग से नाश
करो ॥ जय…..
धूप, दीप, फल,
मेवा मां स्वीकार
करो।
ज्ञानचक्षु
दे माता, जग
निस्तार करो ॥
जय…..
मां सरस्वती की आरती
जो कोई जन
गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती
पावें ॥ जय…..
जय सरस्वती माता, जय
जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव
शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…
आप
सभी से निवेदन है
की आप को (Ravi
Paliwal Vlogs) के
माध्यम से उत्तराखंड से
जुड़ी समस्त जानकारी यहाँ पर प्राप्त होगी,आप सब से
निवेदन है की आप
इस पेज को अधिक से
अधिक लोगों तक पहुंचाने की
कृपा करें हमारा
उद्देशय है की उत्तराखंड
की देव संस्कृति का प्रचार प्रसार
समस्त जनमानष तक पहुंचे !!